हर साल बस ईद के दिन, मेरे नाम एक पैगाम लिखना, मेरी मौत के बाद हो सके तो, अपनी अम्मी हर साल बस ईद के दिन, मेरे नाम एक पैगाम लिखना, मेरी मौत के बाद हो सके तो, ...
गरीबी,अज्ञानता के कारण, जीवन को बोझ समझ दब जाते हैं, आगे चलकर देश की प्रगति में, प्र गरीबी,अज्ञानता के कारण, जीवन को बोझ समझ दब जाते हैं, आगे चलकर देश की प्रगत...
जिंदगी बीत जायेगी यही सोचते कि लोग क्या कहेंगे, उनका क्या, माँस है सबका नोचते कि और जिंदगी बीत जायेगी यही सोचते कि लोग क्या कहेंगे, उनका क्या, माँस है सबका नो...
आज भी संभालकर रखा है मैंने वो ख़त वो यादें, वो लिखा हुआ मेरी बहन का ख़त। शादी के बा आज भी संभालकर रखा है मैंने वो ख़त वो यादें, वो लिखा हुआ मेरी बहन का ख़त। ...
गुलामी की बेड़ियाे तोड़कर स्वतन्त्रता की इबारत लिखेंगे हम। गुलामी की बेड़ियाे तोड़कर स्वतन्त्रता की इबारत लिखेंगे हम।
वादा किया है हमने खुद से दिल आपके नाम हो। वादा किया है हमने खुद से दिल आपके नाम हो।